पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति: आर्थिक संकट, रक्षा बजट और सैन्य प्रभाव
26 मई 2025
पाकिस्तान एक बार फिर अपने राजनीतिक और आर्थिक हालात को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में है। जहाँ एक ओर देश आर्थिक मंदी, महंगाई और खाद्य संकट से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकार ने रक्षा क्षेत्र में भारी वृद्धि की घोषणा कर दी है।
🔺 रक्षा बजट में 18% की बढ़ोतरी
हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने अपने रक्षा बजट में लगभग 18 प्रतिशत की वृद्धि की है। इस फैसले पर देश के अंदर और बाहर आलोचना हो रही है, क्योंकि देश पहले ही कर्ज़ के बोझ, मुद्रा संकट और खाद्य आपूर्ति की कमी से परेशान है। आम नागरिकों के लिए आवश्यक वस्तुएँ महंगी होती जा रही हैं, जबकि रक्षा क्षेत्र को और अधिक संसाधन दिए जा रहे हैं।
🤝 तुर्की से बढ़ता सहयोग
प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने हाल ही में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन से मुलाकात की। इस मुलाकात में आर्थिक सहयोग और द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के साथ-साथ कुछ रणनीतिक मसलों पर भी चर्चा हुई। रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय सुरक्षा और दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन पर भी विचार-विमर्श किया, जिसमें भारत का जिक्र भी शामिल था।
⚖️ न्यायपालिका और सैन्य ताकत
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में सुनाए गए एक फैसले ने सेना और उसके प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को अधिक संवैधानिक शक्तियाँ प्रदान की हैं। इस कदम को लेकर कई मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला देश में लोकतंत्र के लिए एक खतरे की घंटी हो सकता है, क्योंकि इससे नागरिक अधिकारों पर सेना का हस्तक्षेप और अधिक बढ़ सकता है।
पाकिस्तान इस समय एक जटिल दौर से गुजर रहा है — एक तरफ आर्थिक अस्थिरता और सामाजिक असंतोष, दूसरी ओर रक्षा और सैन्य संस्थानों को बढ़ती ताकत। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार किस प्रकार इस संतुलन को बनाए रखती है और क्या देश लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूती देने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगा।
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